Listen to Janki Chopai by Morari Bapu



जनकसुता जग जननि जानकी। अतिसय प्रिय करुनानिधान की॥

ताके जुग पद कमल मनावउँ। जासु कृपाँ निरमल मति पावउँ॥

भावार्थ:-राजा जनक की पुत्री, जगत की माता और करुणा निधान श्री रामचन्द्रजी की प्रियतमा श्री जानकीजी के दोनों चरण कमलों को मैं मनाता हूँ, जिनकी कृपा से निर्मल बुद्धि पाऊँ॥

Janak suta jag janani janaki | Atisaya priya karunanidhana ki ||
Take juga pada kamala manavaum | Jasu kripa nirmal mati pavaum ||

No comments:

Post a Comment